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धर्मापुर, जौनपुर। आज जब पूरी दुनिया धन-दौलत के आगे नतमस्तक होकर रिश्ता, नैतिकता और शिष्टाचार को भूलती जा रही है तब ऐसे समय में मध्य काल के महान संत रैदास को याद करना बहुत ही जरूरी हो जाता है। कहा भी जाता है कि दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोई। यदि लोग अच्छे समय में संतों के विचारों को जीवन में चरितार्थ करते तो यह स्थिति ही उत्पन्न नहीं होती। उक्त बातें धर्मापुर क्षेत्र के मोहिउद्दीनपुर गांव में स्थित समाजवादी कुटिया के संचालक ऋषि यादव ने शनिवार को कुटिया पर आयोजित रविदास जयंती पर कही। इसके पहले उन्होंने सभी छोटे बच्चों से रविदास के चित्र पर माल्यार्पण करवाया जिसके बाद उन्होंने रविदास के जीवन पर प्रकाश डालते हुये बच्चों को दूध, पुष्टाहार आदि दिया गया। वहीं समाजवादी कुटिया के शिक्षक श्रीचंद यादव ने रैदास जी को कोट करते हुए कहा कि जीवन चारि दिवस का मेला रे। अर्थात यह जीवन एक मेला के समान है। यहां जो आया है, वह नियमित रहने के लिए नहीं आया है और न ही वह अजर-अमर है। सबको इस दुनिया को छोड़कर चले जाना है। अगर कुछ रह जायेगा तो केवल आपका सुकर्म और सद्भावना से प्रेरित व्यवहार। इस अवसर पर शुभम, लाल साहेब, ठाकुरदीन सहित तमाम बच्चे उपस्थित रहे। अन्त में कुटिया के संचालक ऋषि यादव ने सभी के प्रति आभार जताया।
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