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मौत के गम के साथ शादी के लायक पुत्री के हाथ पीले करने की चिंता
खुटहन जौनपुर। ओइना गांव में दीवार के मलबे में दबकर हुई अधेड़ उमाशंकर यादव की मौत से पूरा परिवार बिखर गया। बेटे की अर्थी को कंधा दिए अभी एक साल भी पूरे नहीं हुए थे कि पति भी उसे बिलकुल अकेला छोड़ काल के गाल में समा गया। निर्उद्देश्य सी जिंदा लाश बनकर रह गयी मृतक उमाशंकर की पत्नी उर्मिला देवी पति के शव से लिपट रोते रोते विक्षिप्त सी हो गई है। अब एक मात्र शहारा शयानी हो चुकी पुत्री पूजा ही बची है। जिसे मांँ को समझाने की कौन कहे उसे भाई के बाद पिता की मौत ने झकझोर कर रख दिया है। उसकी हालत विक्षिप्त सी हो गई है। ज्ञातव्य हो कि मृतक उमाशंकर यादव का एक मात्र 24 वर्षीय पुत्र राकेश उर्फ पप्पू बीते 11 मार्च दिल्ली जाते समय सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया था। घर का इकलौता चिराग बुझ जाने से पूरा परिवार सकते में चल रहा था। उसकी मौत को अभी पूरे एक साल भी नहीं बीत सका था कि प्रकृति के क्रूर हाथों ने उमाशंकर को भी उठा लिया। बिधवा हो चुकी उर्मिला देवी तथा उनकी पुत्री के करुण क्रंदन से वहां मातम पसर गया। मृतक बहुत ही मिलनसार प्रवृत्ति के थे। उनकी असामयिक मौत से पूरा गाँव स्तब्ध हो गया। उनके घर शोक संवेदना जताने वालो का तांता लगा रहा।
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