नया सबेरा नेटवर्क
पूर्ण हुईं तैयारियां
नया जोश, नया सबेरा।
लग जाओ अब काम।।
हो जाए सब शुभ-शुभ।
आगे जो तमाम।।
चहचहाती सुबह।
है लाई पैगाम।।
आए औषधि जल्द।
ढ़ीली पड़े लगाम।।
पड़ता अंकुश भारी।
आए लौट बहार।।
पड़ा नियंत्रण भारी।
फंसे अभी मझधार।।
खबर रही है दौड़।
फिजा सदाबहार।।
पूर्ण हुईं तैयारियां।
पहननाने को हार।।
कृष्णेन्द्र राय
![]() |
Ad |
from NayaSabera.com
0 Comments