- विधान परिषद चुनाव में मतदाता इसका मुहंतोड़ जवाब देंगे
- माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार के इस घृणित कृत्य की निंदा की
नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। उपचुनाव में मिली सफलता और सत्ता के नशे में चूर सरकार और उसके मंत्री शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों एवं आम जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन पर न केवल आमादा है बल्कि राज्य सरकार कोरोना माहामारी का हवाला देकर एस्मा लगाकर उनकी आवाजों को दबाने का कुत्सित प्रयास कर रही है जबकि कोरोना माहामारी के दौरान सभी उपचुनाव हुए, बिहार का चुनाव हु्आ, विधान परिषद का चुनाव हो रहा है। जब कर्मचारी, अधिकारी व शिक्षक अपनी मांगों को लेकर धरना, प्रदर्शन करने का एलान किया तो सरकार एस्मा लगाकर छह महीने तक कोई धरना, प्रदर्शन न करने की चेतावनी दे रही है और उनकी आवाज को दबाने के लिए एस्मा जैसे काले कानून का सहारा ले रही है। यह बातें माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं वाराणसी खण्ड निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी रमेश सिंह ने कहीं।
उन्होंने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि सरकार के इस घृणित कार्य की माध्यमिक शिक्षक संघ घोर निंदा करता है। श्री सिंह ने कहा कि सरकार की यह तानाशाही बहुत अधिक दिनों तक चलने वाली नहीं है और इस विधान सभा चुनाव में मतदाता सरकार के इस तानाशाही रवैया का मुंहतोड़ जवाब देगें। श्री सिंह ने कहा कि इस लोकतांत्रिक व्यवस्था हर किसी को अपनी मांग और अपने मूलभूत अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने का अधिकार लेकिन सरकार अड़ियल रवैये के चलते सब कुछ अपने हिसाब से चलाना चाहती है लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए यह अच्छा नहीं है।
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