ईमानदारी का चोला पहनकर
बेईमानों से हाथ हैं मिलता
खुद का उल्लू सीधा करने में
ईमानदारी का धज्जियां उड़ाता
ईमान को अपने बेचकर
फलता फूलता बढ़ता जाता
छल कपट करके धरा पर
घी रोटी और मलाई खाता
ईमानदारी का बात बतलाकर
लोगों को यह ठगता जाता
बहरूपिए शक्ल में है बैठा
सारेआम गुमराह है करता
सच्चाई और ईमानदारी का
बीच बाजार में बोली लगाता
खुद को ईमानदार बतलाकर
समाज को ग़लत राह पर ले जाता
अपने जन्मभूमि का सौदा करके
खुद को मियां मिट्ठू बतलाता
ईमान का घुंट पिलाकर सबको
ईमानदारी का ढोंग है रचाता
महेश गुप्ता जौनपुरी
पता - गनापुर अजोशी मड़ियाहूं जौनपुर उत्तर प्रदेश
मो. 9918845864
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