रामाज्ञा यादव
जलालपुर, जौनपुर। कुटीर चक्के में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं. अभयजीत दुबे के कुटीर उपवन में भागवत कथा के समापन अवसर पर अयोध्या भागवत पीठ के आचार्य संत तुलसीदास ने कहा कि लोकमंगल के लिए पुरु षार्थ का बोध कराने वाले भागवत रस का निरंतर पान करते रहे जहां भी रहे मन गोविंद में लगा रहे। सूत जी द्वारा संतों की जिज्ञासाओं का प्रतिपादन करते हुए मानव जीवन का परम श्रेय श्री कृष्ण भक्ति को बताया। हम चाहते क्या हैं और दुर्भाग्य से होता क्या है। संसार की वस्तुओं से सुख नहीं मिल सकता इसलिए भागवत कथा का स्मरण मनुष्य जीवन में परम आवश्यक होता है।
आरती बंधन अभिराम दुबे ने किया। इस अवसर पर पंडित राम सुमेर मिश्र, श्री भूषण मिश्र, अशोक दुबे, मक्खन यादव, कपिल देव, रामजीत कश्यप, प्रदीप सिंह, मनोज कुमार सिंह, पंकज भूषण मिश्र, प्रबंधक प्रमोद मिश्र, बहादुर यादव, संजय राजभर, कृष्ण कुमार मिश्र, श्रीमती सुमन तिवारी, आभा देवी, सावित्री देवी, कुसुम देवी, सुधा, पुष्पा देवी सहित श्रद्धालु जन उपस्थित रहे।
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