नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। डीएम डीके सिंह ने बताया कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सर्विलेंस सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। कोरोना के लक्षण युक्त व्यक्तियों की पहचान करना और उनका कोरोना टेस्ट कराना। यदि टेस्ट धनात्मक आता है तो ऐसे लोगों को अन्य लोगों से अलग करना जिससे संक्रमण अन्य फैलने न पाए।
उन्होंने बताया कि आप सभी जानते हैं कि करोना के लक्षण खांसी बुखार जुखाम सांस लेने में दिक्कत है। बहुत लोग लक्षण होने के बावजूद भी अपना कोरोना टेस्ट ना करा कर बुखार की दवा, दवा की दुकान से लेकर खा लेते हैं और लापरवाही करते हैं। बाद में जब स्थिति ज्यादा खराब होती है तब कोरोना का टेस्ट और इलाज के लिए आते हैं तब तक काफी देर हो चुकी होती है। जितनी जल्दी पहचान हो जाएगी और इलाज शुरू हो जाएगा उतना ही ठीक होने की उम्मीद ज्यादा रहेगी।
उन्होंने बताया कि इसी को दृष्टिगत रखते हुए यह निर्णय लिया गया था प्रत्येक दवा का दुकानदार उसके यहां ऐसा कोई भी व्यक्ति यदि उक्त बीमारियों की दवा लेने आता है तो उसका नाम पता और मोबाइल नंबर एक रजिस्टर में अंकित करें और जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में नोडल अधिकारी को वह सूची प्रतिदिन व्हाट्सएप से उपलब्ध करा दें। जिससे सूची के व्यक्तियों का कोरोनावायरस का टेस्ट स्वास्थ्य विभाग करा सकें और उनमें जिनमें कोरोना टेस्ट धनात्मक आता है उनको चिन्हित कर अलग कर सकें।
उन्होंने बताया कि कुछ दुकानदार अभी भी उक्त बीमारियों की दवा तो बेच रहे हैं लेकिन उक्त लक्षण युक्त व्यक्तियों के नाम पता और मोबाइल नंबर अंकित कर स्वास्थ विभाग को सूचित नहीं कर रहे है।
उन्होंने ऐसे सभी दुकानदारों को चेतावनी दी है कि यदि उनके द्वारा ऐसे लोगों की सूची बनाकर स्वास्थ्य विभाग को प्रतिदिन नहीं दी गई तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी दिन शून्य है तो शून्य की भी सूचना दी जाए।
उन्होंने सभी से अपेक्षा है कि यह सूची प्रतिदिन शाम को व्हाट्सएप के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा दें।
साथ ही डीएम ने ड्रग इंस्पेक्टर को आदेशित किया है कि दुकानदारों के यहां उक्त लक्षण की दवाओं का स्टॉक चेक करें और यदि दवा बेची है तो किस किसको बेची है। जिन लोगों द्वारा इसमें सहयोग नहीं किया जाएगा उनकी दुकानों को सीज भी करने पर विचार किया जाएगा। किसी को संक्रमण फैलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
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