द बंगाल फाइल्स और द कश्मीर फाइल्स जैसी तीखी और समाज को जगाने वाली फिल्मों के लिए जाने जाने वाले फिल्ममेकर अभिषेक अग्रवाल ने बांग्लादेश द्वारा नई दिल्ली स्थित हाई कमीशन में वीज़ा और कांसुलर सर्विस अस्थायी रूप से बंद करने के फैसले पर अपनी चिंता जताई है. यह कदम पड़ोसी देश में बढ़ती अशांति, हिंसा और तनाव के बीच उठाया गया है, जहां हालात लगातार गर्म होते जा रहे हैं और दोनों देशों के बीच तनाव महसूस किया जा रहा है.
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अभिषेक अग्रवाल ने कहा, द बंगाल फाइल्स में हमने साफ चेतावनी दी थी कि भारत के लिए अगला बड़ा खतरा पूर्वी बॉर्डर से आने वाला है. अगर द कश्मीर फाइल्स यह दिखाती थी कि क्या हो चुका है, तो द बंगाल फाइल्स यह बताती है कि आगे क्या होने वाला है. जो हमने दिखाया वह कोई कल्पना नहीं थी, उसके पैर हैं और आज की परिस्थिति उसे साबित कर रही है. उनका बयान साफ इशारा करता है कि संकेतों को गंभीरता से लेने और शांति तथा स्थिरता के लिए समय रहते कदम उठाने की जरूरत है.बताया जा रहा है कि यह फैसला बांग्लादेश में लगातार हो रही हिंसक घटनाओं के बाद लिया गया, जहां युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की गोली लगने से मौत के बाद हालात और भड़क गए. ढाका सहित कई शहरों में प्रदर्शन बेकाबू हो गए, हालात बिगड़ते देख सुरक्षा सख्त की गई और विदेशी मिशनों की सुरक्षा को देखते हुए वीज़ा सेवाएं रोकनी पड़ीं.
इस अशांति के बीच आम लोगों के प्रभावित होने और दीपु दास जैसी दर्दनाक घटनाओं ने लोगों को झकझोर दिया है. सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर गुस्सा, चिंता और न्याय की मांग लगातार बढ़ रही है.
अभिषेक अग्रवाल की यह प्रतिक्रिया माहौल की गंभीरता को और मजबूत करती है और यह याद दिलाती है कि ऐसे संवेदनशील समय में शांति, जिम्मेदारी और संवाद बेहद जरूरी हैं.
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