- चार दिवसीय 17वीं ऑफ एशिया पैसिफिक कांग्रेस ऑफ हाइपर टेंशन कांफ्रेंस का दिल्ली में हुआ आयोजन
नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। दिल्ली में नेशनल कांफ्रेंस ऑफ हाईपर टेंशन सोसायटी की चार दिवसीय हाइब्रिड आयोजन में देश-विदेश के तमाम नामी-गिरामी हृदय रोग विशेषज्ञों का फिजिकल वर्चुअल जमावड़ा रहा। इस आयोजन में अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध डा. आर. वैंकट रमन, डा. जॉन फर्नांडो, डा. नार सिंहन, हेनरी विल्सन सहित तमाम विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस कांफ्रेन्स में देश-विदेश में होने वाली हाईपर टेंशन की दुश्वारियों एवं इसके प्रति सामाजिक लापरवाहियों एवं इलाज की स्थिति तथा वर्तमान में होने वाली रीसर्च के बारे में चर्चा करते हुये मंथन हुआ। उक्त आयोजन में जनपद से पहली बार जनपद के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. हरेन्द्र देव सिंह कृष्णा हार्ट केयर ने हिस्सा लिया जहां जन चेतना एवं इस रोग के प्रति ऐक्टिविस्ट की तरह जागरूकता फैलाने में अप्रतिम प्रयास के लिये फेलोशिप देकर सम्मानित किया गया।
डा. सिंह को यह सम्मान दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति और डा. गंगवार एवं असिंघन द्वारा प्रदान किया गया। इस बाबत डा. सिंह ने बताया कि यह उनके प्रभावी अनुभव कार्यों, सामाजिक उपक्रमों, कामों एवं उत्कर्ष सामाजिक चेतना के लिये प्रदान किया गया। साथ ही हाइपर टेंशन जैसी महामारी एवं साइलेंट किलर के प्रति गहन चर्चा के सेशन को चलाने की कार्यवाही का संचालन का अवसर दिया। उन्होंने बताया कि हममें से आधे लोगों को पता ही नहीं है कि हमें हाइपर टेंशन है और एक तिहाई लोग जो जानते हैं, उनको हाइपर टेंशन है। उनका ब्लड प्रेशर सामान्य नहीं है। ब्लड प्रेसर के प्रति सजगता जागरूकताएं ही इससे होने वाली दुश्वारियों से बचा सकती है। डा. सिंह ने बताया कि आज हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी फेल्यर, ब्लायंड्नेस की घटनाओं को रोका जा सकता है। इसका मूल मंत्र है आप अपना ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें और खुद सतर्क रहें। जागरूकता आपको अपंग, लाचार एवं आर्थिक संकट से बचाकर स्वस्थ बनाकर बेहतर जिंदगी दे सकती है।
राजीव दीक्षित का जन्म व बलिदान दिवस 30 को मनेगा
जौनपुर। आजादी बचाओ आन्दोलन के संस्थापक, वैज्ञानिक एवं प्रखर वक्ता राजीव दीक्षित का जन्मदिवस एवं बलिदान दिवस 30 नवम्बर दिन मंगलवार को प्रातः 11 बजे से मनाया जायेगा। यह आयोजन नगर के पालिटेक्निक चौराहे के पास स्थित कृषि भवन में स्थित गौशाला में होगा। इस आशय की जानकारी डा. अमरनाथ पाण्डेय को प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से दी है।
ब्रह्मज्ञान से ही परिपक्व हो सकता है ईश्वर पर विश्वासः सुदीक्षा जी
जौनपुर। ‘किसी काल्पनिक बात पर तब तक विश्वास नहीं होता जब तक हम साक्षात वह चीज नहीं देखते। उसी तरह से प्रभु-परमात्मा ईश्वर पर भी हमारा विश्वास तभी परिपक्व हो सकता है जब ब्रह्मज्ञान द्वारा उसे जाना जाता है। ईश्वर पर दृढ़ विश्वास रखते हुए जब मनुष्य अपनी जीवन यात्रा भक्ति भाव से युक्त होकर व्यतीत करता है तो वह आनंददायक बन जाती है।’ यह जानकारी स्थानीय मीडिया सहायक उदय नारायण जायसवाल ने वर्चुअल रूप में आयोजित तीन दिवसीय 74वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के समारोह में सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन संदेशों को बताते हुए कहा कि सन्त समागम का सीधा प्रसारण मिशन की वेबसाईट तथा साधना टी.वी. चैनल द्वारा हो रहा है जिसका लाभ पूरे विश्व में श्रद्धालु भक्तों एवं प्रभु प्रेमी सज्जनों द्वारा लिया जा रहा है। श्री जायसवाल ने बताया कि सत्गुरू माता ने प्रतिपादन किया कि एक तरफ विश्वास है तो दूसरी तरफ अंधविश्वास की बात भी सामने आती है। श्री जायसवाल ने बताया कि सत्गुरु माता ने आगे कहा कि आस-पास का वातावरण, व्यक्ति अथवा किसी वस्तु से अपने आपको दूर करने का नाम भक्ति नहीं। भक्ति हमें जीवन की वास्तविकता से भागना नहीं सिखाती, अपितु उसी में रहते हुए हर पल व स्वांस में परमात्मा का एहसास करते हुए आनंदित रहने का नाम भक्ति है। समागम में सेवादल रैली का आयोजन हुआ जिसमें देश एवं दूर-देशों से आये सेवादल के भाई-बहनों ने भाग लिया। सेवादल रैली में विभिन्न खेल, शारीरिक व्यायाम, शारीरिक करतब, फिजिकल फॉर्मेशन्स, माइम एक्ट के अतिरिक्त मिशन की सिखलाइयों पर आधारित सेवा की प्रेरणा देने वाले गीत एवं लघुनाटिकायें मर्यादित रूप में प्रस्तुत की गई।
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