पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान - अंतर मंत्रालयी, अंतर विभागीय कनेक्टिविटी से विभागीय दायरों को तोड़कर क्रियान्वयन से आत्मनिर्भर भारत में मदद मिलेगी | #NayaSaberaNetwork




16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल प्लेटफॉर्म - कनेक्टिविटी समस्याओं के विभागीय दायरों को तोड़कर क्रियान्वयन में लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद मिलेगी - एड किशन भावनानी
नया सबेरा नेटवर्क
गोंदिया - भारत में पिछले कुछ वर्षों से हम देख रहे हैं कि अनेक क्षेत्रों में नई नई प्रौद्योगिकी के उपयोग और सहायता से नए नए राष्ट्रीय इन्फ्रास्ट्रक्चर लगाए जा रहे हैं और जो लगे हुए हैं उनमें विस्तार किया जा रहा है ताकि विकास की गति को तीव्र किया जा सके। ऐसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है जिसमें वैश्विक आयातपर हमारी निर्भरता अधिक है उनमें एक रणनीतिक रोडमैप के तहत प्रौद्योगिकी संसाधनों से कनेक्ट कर कार्यों में तात्कालिक तीव्रता लानेका प्रयास किया जा रहा है ताकि लागत में कमी, क्वालिटी में सुधार और हमारी आयात निर्भरता कम हो और देशी प्रोडक्ट को वैश्विक मंच पर अहम स्थान मिल सके और लोकल फॉर वोकल के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए भारत के कारोबारी, कृषक, उद्यमी सभी, दुनिया की कंपनीयों को टक्कर दे सके। जब इस स्तर पर काम होगा तो काम बढ़ेगा  रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और देश में और भी कई इकोनॉमिक् झोन खुलेंगे और भारत 5 ट्रिलियन डॉलरसे अधिक की अर्थव्यवस्था के सपनों को पूर्ण करने में साकार होगा!!! साथियों यह सभ और कुछ नहीं यह सभ रणनीतिक रोडमैप, प्लान, व्यवस्थाएं, मास्टर प्लान और अर्थव्यवस्था को गति देने का बस,, एक ही!!! एक ही!!! मकसद है और वह है, हमारा भारत आत्मनिर्भर भारत बने, हमारे टारगेटेड विज़न की डेडलाइन के पहले बने, अब तो दिनांक 21 अक्टूबर 2021 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को मंजूरी दी है, जिसमें मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए इसकी शुरुआत, कार्यान्वयन, निगरानी और समर्थन तंत्र के लिए संस्थागत ढांचा स्थापित करना शामिल है। यह मास्टर प्लान देश के चहुमुखी विकास का रोडमैप तैयार करेगा जिससे हर सेक्टर में विकास कार्यों को बल मिलेगा। इस मास्टर प्लान प्रोजेक्ट पर भारत सरकार 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। साथियों बात अगर हम पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की करें तो सबसे पहले माननीय पीएम ने 15 अगस्त को 75 वें स्वतंत्रता दिवस अमृत महोत्सव के अवसर पर इसका ऐलान किया था। उसके बाद 13 अक्टूबर 2021 को इस प्लान को की शुरुआत की थी। साथियों बात अगर हम इस मास्टर प्लान के क्रियान्वयन, कार्य योजना, लाभ, विकास की करें तो 21 अक्टूबर 2021 की पीआईबी विज्ञप्ति के अनुसार, पीएम गति शक्ति एनएमपी का उद्देश्य मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी और लास्ट माइल कनेक्टिविटी कीसमस्याओं को हल करने के लिए विभागीय दायरों को तोड़ना और परियोजनाओं की अधिक समग्र और एकीकृत योजना बनाकर उसे क्रियान्वित करना है। इससे लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद मिलेगी। इससे उपभोक्ताओं  किसानों, युवाओं के साथ-साथ व्यवसायों में लगे लोगों को अधिक आर्थिक लाभ होगा। इसके अलावा, नेटवर्कों के समग्र एकीकरण में शामिल जटिलताओं को देखते हुए, किसी भी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कार्यों के दोहराव से बचने के लिए योजना की प्रभावोत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ सूक्ष्म योजना विवरण के माध्यम से लॉजिस्टिक लागत को कम करने हेतू आवश्यक दक्षताओं को प्रदान करने के लिए तकनीकी सहायता इकाई (टीएसयू) को मंजूरी दी गई है। टीएसयू के ढांचे को भी मंजूरी मिल गई है। टीएसयू में विमानन, समुद्री, सार्वजनिक परिवहन, रेल, सड़क एवं राजमार्ग,बंदरगाह आदि जैसे विभिन्न अवसंरचना क्षेत्रों के प्रक्षेत्र विशेषज्ञ होंगे और शहरी एवं परिवहन योजना संरचनाएं (सड़क, पुल और भवन), बिजली, पाइपलाइन, जीआईएस, आईसीटी, वित्त/बाजार पीपीपी, लॉजिस्टिक, डेटा विश्लेषण आदि विषयों के विशेषज्ञ (एसएमई) होंगे। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को मंजूरी दी है, जिसमें मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए इसकी शुरुआत,कार्यान्वयन, निगरानी और समर्थन तंत्र के लिए संस्थागत ढांचा स्थापित करना शामिल है। ईजीओएस की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करेंगे और इसमें सदस्य के रूप में 18 मंत्रालयों के सचिव और सदस्य संयोजक के रूप में लॉजिस्टिक विभाग के प्रमुख शामिल होंगे। ईजीओएस लॉजिस्टिक क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए पीएम गतिशक्ति एनएमपी केकार्यान्वयन की समीक्षा और निगरानी करेगी। इसे एनएमपी में किसी भी अनुवर्ती संशोधन के लिए रूपरेखा और मानदंड निर्धारित करने का अधिकार है। ईजीओएस विभिन्न गतिविधियों को एक ही समय पर संचालित करने के लिए प्रक्रिया और अंतिम रूपरेखा भी निर्धारित करेगा औरयह सुनिश्चित करेगा कि अवसंरचना विकास की विभिन्न पहल इस संयुक्त एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म का हिस्सा बनें। ईजीओएस विभिन्न मंत्रालयों जैसे इस्पात, कोयला, उर्वरक, आदि की आवश्यकता पर थोक माल के कुशलतापूर्वक परिवहन की मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक कार्यों को भी देखेगा। साथियों बात अगर हम 13 अक्टूबर 2021 की करें तो, पीएम ने मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान का शुभारंभ करते हुए कहा थाकि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आज अगले 25 वर्षों के लिए भारत की नींव रखी जा रही है। पीएम ने इस अवसर पर अष्टमी के शुभ दिन यानी शक्ति की पूजाके दिन का उल्लेख किया था और कहा था कि इस शुभ अवसर पर देश की प्रगति की रफ्तार को भी नई शक्ति मिल रही है। गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का अनावरण करते हुए, पीएम ने 21 अक्टूबर 2021 को कहा कि यह कार्यक्रम भारत के आत्मविश्वास को बढ़ावा देगा और देश को आत्मनिर्भर बनाएगा। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान अंतर मंत्रालय, अंतर विभागीय कनेक्टिविटी से विभागीय दायरों को तोड़कर क्रियान्वयन में काफी मदद मिलेगी जो कि 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है। कनेक्टिविटी समस्याओं के विभागीय दायरों को तोड़कर क्रियान्वयन में लॉजिस्टिक लागत को कम करने में भी काफी मदद मिलेगी। 

-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से - पुष्ट जानकारी प्रभावी संचार, सुशासन और पारदर्शिता की कुंजी है 

मीडिया संचार का शक्तिशाली माध्यम हैं - गलत सूचनाओं, अफ़वाह, फर्जी खबरों को रोकने समाज के हर वर्ग को सुजाग व सचेत रहना ज़रूरी - एड किशन भावनानी

गोंदिया - भारत में कई बार हम सुनते हैं, खासकर एक प्रदेश के बारे में कि वहां इतने घंटे, इन क्षेत्रों में इंटरनेट सुविधा ब्लॉक की गई है या इन क्षेत्रों में सर्वेयर बंद है या किया गया है। साथियों हम सब जानते हैं कि इसका कारण अफवाहें, गलत सूचनाएं और फर्जी खबरों का संचार प्रभाव से रोकने और सुख शांति, अमन चैन कायम रखने के लिए शासन, प्रशासन द्वारा सुरक्षा कारणों से रणनीतिक तौर पर इस तरह की प्रक्रिया या कार्यवाही की जाती है और फिर अमन-चैन वापस आने पर सभी संचार सुविधाएं बहाल कर दी जाती है। साथियों बात अगर हम मीडिया की करें तो मीडिया संचार माध्यम का एक सशक्त, शक्तिशाली माध्यम है और इसे चौथे स्तंभ के रूप में माना जाता है जिसका रोल हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। मीडिया की देश और नागरिकों के प्रति कर्तव्य और जवाबदारी है कि सत्यता को उनके सामने लाए। देश की जनता द्वारा चुनी गई सरकारें, सरकारों द्वारा नियुक्त प्रशासन-शासन उन्होंने कर्तव्य और जवाबदेही को पूर्णता से जनहित में निभा रहे हैं?? विपक्ष का रोल, गतिविधियों के बारे में जानकारी, शासकीय जनहित योजनाओं की खूबियां, कमियां, भ्रष्टाचार, प्राकृतिक संसाधनों का अवैध दोहन इत्यादि अनेक मुद्दोंपर सत्यता को उजगार करना मीडिया का सशक्त काम है जो बखूबी से निभाने के लिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नैतिकता से सभी साथियों को निभाना है। साथियों बात अगर हम बड़े बुजुर्गों द्वारा कही बातों की करें तो उनके वचनों का एक-एक शब्द ऐसा अनमोल मोती की भांति है जो दिशानिर्देश के काम आता है उन्होंने सत्य ही कहा था,,सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से,, वाह!!! क्या बात है!!! साथियों, यह सच है कि हम कितने भी अपुष्ट जानकारी, झूठी अफवाहें, गलत सूचनाएं या फर्जी खबरें फैलाएं, परंतु आज नहीं तो कल सच्चाई सामने आ ही जाती है, क्योंकि झूठ, सच्चाई को ज्यादा दिन छुपाने में कामयाब नहीं रहता है!! जीत हमेशा सच्चाई की होती है!! जो हमने अभी अभी दशहरे के माध्यम से सुनी कथाओं से समझे व सीखे हैं। साथियों बात अगर हम पुष्ट जानकारी की करें तो यह पुष्ट जानकारी ही प्रभावी संचार, सुशासन, और पारदर्शिता की कुंजी है क्योंकि यही जानकारी राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डाटा का हिस्सा होती है। इसलिए शासकीय-प्रशासकीय अधिकारियों का यह प्राथमिक उत्तरदायित्व, जवाबदेही बनती है की पुष्ट जानकारी और डाटा ही मीडिया में जारी करें और अपुष्ट जानकारियों को सिरे से खारिज़ कर उनके लीकेज को बंद करने में पूरा जोर लगाना चाहिए और गलत सूचनाओं, फ़र्जी खबरों और अफवाह फैलाने वालों की पहचान कर उनके ऊपर प्राथमिकता से तात्कालिक कार्रवाई कर कदम उठाना होगा जिससे देश का सकारात्मक माहौल बिगाड़ने से बचाया जा सके। साथियों बात अगर आम दिनांक 19 अक्टूबर 2021 को माननीय राष्ट्रपति द्वारा भारतीय सूचना सेवा प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ बातचीत की करें तो पीआईबी की विज्ञप्ति के अनुसार उन्होंने भी कहा, मीडिया को एक शक्तिशाली माध्‍यम बताते हुए वह चाहते है कि इस माध्‍यम का इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ किया जाए ताकि अपेक्षित बदलाव आए। उन्होंने अपनी परिचित शैली में कहा, जुड़ें, संवाद करें और बदलाव लाएं। उन्होंने अपने आवास पर 2020 बैच के भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक समूह के साथ बातचीत करते हुए कहा कि सरकारों और नागरिकों के बीच की खाई को पाटनेमें जन-संचारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं से कहा,यदि आप विभिन्न योजनाओं के बारे में लोगों को सरल और स्पष्ट भाषा में सूचित करते हैं, तो वे अपने अधिकारों और सरकारी प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं। इससे पारदर्शिता आती है। उन्होंने कहा कि पुष्ट जानकारी सरकार की तरफ से संचार की कुंजी है। उन्होंने सूचना सेवा के अधिकारियों से गलत सूचनाओं और फर्जी खबरों को रोकने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने उनसे सामाजिक रूप से प्रासंगिक विषयों पर काम करने को कहा। जैसे-लैंगिक असमानता और कुछ वर्गों में वैक्सीन लगाने को लेकर हिचकिचाहट को दूर करना। उन्होंने सुशासन में प्रभावी संचार की भूमिका पर जोर देते हुए आज जन-संचारकों अर्थात पब्लिक कम्यूनिकेटर्स से लोगों को समय पर स्थानीय भाषाओं में सरकार की नीतियों और पहलों की जानकारी देकर उन्हें सशक्त बनाने की अपील की। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे के सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से, पुष्ट जानकारी प्रभावी संचार प्रशासन और पारदर्शिता की ही कुंजी है तथा मीडिया संचार का शक्तिशाली, सशक्त माध्यम है और गलत सूचनाओं और फ़र्जी खबरों को रोकने समाज के हर वर्ग को सुजाग व सचेत रहना ज़रूरी है।

 
भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि - टीकाकरण 100 करोड़ पार - 135 करोड़ भारतीयों की सामूहिक भावना की विजय ने विश्व को नए भारत की अपार क्षमताओं से पुनः परिचित कराया 


भारत की गौरवमई ऐतिहासिक उपलब्धि पर विश्व हैरान - इस महायज्ञ में योगदान देने वाले वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, नागरिकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों को सैल्यूट - एड किशन भावनानी

गोंदिया - भारत के बड़े बुजुर्गों की कहावतें अक्षरतःअक्षर सच साबित होती है। समय बड़ा बलवान रे भैया समय बड़ा बलवान, 16 जनवरी 2021 का वह दिन जब रणनीतिक रोडमैप बनाकर चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई थी, उसमें दिनांक 21 अक्टूबर 2021 देर शाम तक 100 करोड़ टीकाकरण को पार कर दिया है और उम्मीद की जा रही है कि विज़न दिसंबर 2021 के पूर्व भारत टीकाकरण के अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लेंगा यह है भारत!!! यह भारत के नागरिकों, विज्ञान, उद्यम और उनकी सामूहिक भावना की विजय!!! साथियों जब यह टीकाकरण अभियान शुरू हुआथा तो हम सभी नागरिकोंने इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से सुने और पढ़े थे कि यह अभियान सफल नहीं होगा, विशेष पार्टी का टीका है, पहले पीएम खुद टीका लगवाएं, कुछ राजनीतिज्ञों ने टीका लगाने से इनकार किया था, कुछ नागरिकों ने भी टीकाकरण से इनकार किया था, जो हमने ग्राउंड रिपोर्टिंग में देखे थे। वैक्सीन फ्री का मुद्दा उठा, सरकारी व निजी टीकाकरण का मुद्दा, टीकाकरण का शुल्क राज्यों और केंद्र का मुद्दा सहित अनेक चर्चाएं, डिबेट, बयानबाजी से लेकर अंत में पीएम का निर्णय कि टीकाकरण केंद्र सरकार द्वारा सभी नागरिकों को फ्री में लगाया जाएगा, तक की पूरी चर्चाएं प्रिंटवइलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हमने देखे। साथियों आज बात अगर हम 100 करोड़ से पार टीकाकरण की करें तो भारत ने आज ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है, आज भारतवैक्सीन का बाहुबली देश बन गया है। 100 करोड़ वैक्सीनेशन का दम-दूर हो गया है सभी का भ्रम!! साथियों जिनको भी भ्रम की स्थिति होगी कम से कम आज दूर हो गई होगी। साथियों बात अगर हम भारत की इस गौरवमई ऐतिहासिक उपलब्धि पर वैश्विक बधाईयों की करें तो,,विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ने पीएम को वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य कर्मियों और भारतके नागरिकों को कोविड-19 रोधी टीकों के समतामूलक वितरण के लिए बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया कि भारत के लोगों को कोविड-19 से संवेदनशील आबादी की रक्षा करने और लोगों को समतामूलक वितरण केलक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों के लिए बधाइयां दी, साथियों इस पड़ाव तक पहुंचने के लिए 279 दिन का वक्त लगा।इस अवसर पर डब्ल्यूएचओ के दक्षिण पूर्वी एशिया की क्षेत्रीय निदेशक ने भी कहा कि कोविड-19 रोधी टीकों की एक अरब खुराक लगाने पर भारत को बहुत-बहुत बधाई।ठीक उसी प्रकार गृहमंत्री, स्वास्थ्यमंत्री इत्यादि नेताओं ने भी इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए सारे देश को बधाई दी। साथियों बात अगर हम इस ऐतिहासिक अवसर पर गुरुवार दिनांक 21 अक्टूबर 2021 को देररात तक टीवी चैनलों पर चले डिबेट की करें तो इस ऐतिहासिक अवसर के संबंध में सकारात्मक और नकारात्मक सुर डिबेट में सुनाईदिए। साथियों मैंने स्वयं टीवी चैनलों पर डिबेट देखी, मुझे यह महसूस हुआ कि हमारे देश में एक ट्रेंड, एक प्रचलन सा चल पड़ा है कि, किसी भी गौरवमई अवसर या क्षण में से कुछ नकारात्मक पॉइंट निकालनी है, बाल की खाल निकालने कहीं ना कहीं से आलोचना की पॉइंट खींचने जैसी बातें स्वाभाविक रुप से होती ही है!!! क्योंकि कोई भी अपने प्रतिद्वंदी को प्रोत्साहन या सराहना प्रशस्त नहीं करेंगे हालांकि आज जो पक्ष में हैं, वह कुछ राज्यों में विपक्ष में है और जो विपक्ष में है, वह कुछ राज्यों में पक्ष में भी हैं!! स्वाभाविक है!! ऐसा होना ही है, साथियों बात अगर हम इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत में जश्न मनाने की करें तो पीआईबी केअनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने कोविड-19 टीके की 100 करोड़ खुराक दिए जाने की ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए 100 स्मारकों को तिरंगे के रंग से जगमगाया। तिरंगे के रंगों में रोशन किए जा रहे 100 स्मारकों में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल - दिल्ली में लाल किला, हुमायूं का मकबरा और कुतुबमीनार, उत्तर प्रदेश में आगरा का किला और फतेहपुर सीकरी,ओडिशा में कोणार्क मंदिर, तमिलनाडु में ममल्लापुरम रथ मंदिर,गोवा में सेंट फ्रांसिस ऑफअसीसी चर्च, मध्य प्रदेश में खजुराहो ,राजस्थान में चित्तौड़ और कुंभलगढ़ के किले, बिहार में प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष और गुजरात में धोलावीरा (हाल ही में विश्व विरासत का दर्जा दिया गया) शामिल हैं। भारत के कोविड-19 टीके की 100 करोड़ खुराक देने काऐतिहासिक मुकाम हासिल करने के उपलक्ष्य और महामारी का प्रभावी ढंग से निपटने और मानव जाति के लिये अपनी निस्वार्थ सेवाओं के माध्यम से देश की मदद करने के लिए अपने कर्तव्य से परे काम करने वाले कोरोना योद्धाओं, टीकाकरण कर्मियों, स्वच्छता कर्मचारी, पैरामेडिकल,सहायक कर्मचारी, पुलिस कर्मियों आदि के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए 100 स्मारक 21 अक्टूबर, 2021 की रात को तिरंगे के रंगों में जगमगाते रहेंगे। टीकाकरण ने कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने और तीसरी लहर को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और कोविड-19 टीके की 100 करोड़ खुराक देने के बाद भारत चीन के साथ एक अरब खुराक देने वाला दुनिया में केवल दूसरा देश बन गया है। साथियों बात अगर हम भारत में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की करें तो हालांकि केस आना अभी भी शुरू है, इसके परिणाम स्वरूप भारत में संक्रमण मुक्ति की दर 98.15 प्रतिशत हो गई है। संक्रमण मुक्ति की वर्तमान दर मार्च 2020 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर है। जबकि देशभर में परीक्षण क्षमता को बढ़ाया गया है, पिछले 118 दिनों से साप्ताहिक संक्रमण दर 1.34 प्रतिशत है, जो पिछले 118 दिनों की 3 प्रतिशत दर से नीचे है। दैनिक दैनिक संक्रमण दर 1.48 प्रतिशत है। पिछले 52 दिनों से दैनिक संक्रमण दर 3 प्रतिशत से नीचे और पिछले 135 दिनों से 5 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे के भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि टीकाकरण 100 करोड़ के पार 135 करोड़ भारतीयों ने विज्ञान, उद्यम और उनकी सामूहिक भावना की विजय ने विश्व को नए भारत की अपार सफलता से पुनः परिचित कराया है तथा भारत की गौरवमई एतिहासिकउपलब्धि पर विश्व हैरान है, इस महायज्ञ में योगदान देने वाले वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, नागरिकों, स्वास्थ्य कर्मियों को हम सैल्यूट करते हैं। 

-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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