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पत्रकारों, दूध विक्रेताओं, ऑटोचालकों तथा कामगारों के लिए उठाई आवाज
मुंबई: कोरोना संक्रमण को मात देने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व गृहराज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह ने होम आइसोलेशन से बाहर निकलकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से पत्रकारों ,दूध विक्रेताओं ,ऑटो चालकों तथा कामगारों की समस्याओं के समाधान हेतु मुलाकात की। उन्होंने इस संबंध में राज्यपाल महोदय को एक मांग पत्र सौंपा। राज्यपाल ने कृपाशंकर सिंह को भरोसा दिलाया कि वे उनकी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बात करेंगे।राज्यपाल को सौंपे गए पत्र में कृपाशंकर सिंह ने पत्रकारों को कोविड फ्रंटलाइन वारियर्स का दर्जा देने की मांग की है। पत्र में बताया गया है कि कोरोना संक्रमण के चलते महाराष्ट्र में अब तक 55 पत्रकारों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। लॉकडाउन निर्देशों के चलते दूध विक्रेताओं को हो रही परेशानियों का हवाला देते हुए कृपाशंकर सिंह ने शाम को भी दूध बेचने की अनुमति देने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि दूध बेचने की अनुमति सिर्फ सुबह 7 से 11 के बीच दी गई है जबकि गाय या भैंस, सुबहऔर शाम दो बार दूध देती हैं । ऐसे में शाम का दूध खरीदने के लिए डीलर्स तैयार नहीं है। दूध की बर्बादी बचाने के लिए शाम को भी दूध बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए। मुंबई के 7.5 लाख रिक्शा चालकों के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा पास किए गए 107 करोड़ों रुपए के पैकेज का हवाला देते हुए कृपाशंकर सिंह ने सभी रिक्शा चालकों को तत्काल घोषित 15–15 सौ रुपए देने की मांग की है।महाराष्ट्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से दुर्बल वर्ग के लिए 3 किलो गेंहू तथा 2 किलो चावल मुफ़्त देने की घोषणा को अपर्याप्त बताते हुए कृपा शंकर सिंह ने कहा कि दुर्बल वर्ग धोबी, नाई, बढ़ई, लोहार, कुली, कुम्भार, राजगीर, दिहाड़ी मजदूरों आदि को 5 हज़ार रुपए प्रति माह की आर्थिक मदद दी जानी चाहिए ताकि वे अपने परिवार का पोषण कर सकें।
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