करीब 10 महीने बाद बीते बुधवार को 71 वर्षीय निर्मला जब अपने परिवार से मिली, तो परिवार वालों को खुशी का ठिकाना न रहा. एक माँ को उनके परिवार व बेटियां से मिलाने में भोजपुरी अभिनेता खेसारीलाल यादव और खलनायक पप्पू यादव एक मात्र माध्यम बने. मार्च में जब वे फिल्म शूटिंग के सिलसिले में प्रयागराज आए थे, तो 15 मार्च को खेसारीलाल यादव अपना जन्मदिन आधारशिला वृद्धाश्रम में रहने वाले सभी बुजुर्गों के साथ मना रहे थे, जिसकी तस्वीर उन्होंने अपने फेसबुक पर शेयर की. इसमें गोरखपुर के रूस्तमपुर ढाल की रहने वाली निर्मला की भी तस्वीर शामिल थी.
22 मई को राम प्रताप सिंह, जो कि निर्मला के रिश्तेदार थे, उन्होंने फेसबुक के जरिए पहचाना और उनके परिजनों को बताया, जिसके बाद वृद्धाश्रम प्रमुख शशांक भारती और प्रबंधक सुशील कुमार श्रीवास्तव से संपर्क किया गया व बुधवार को निर्मला अपने घर वापस ले जाई गयी. बेटी, भतीजे और भाई निर्मला को लेने पहुचे थे.
घर लौटने के बाद निर्मला से यह पता चला कि 28 जुलाई 2020 को पति से विवाद की वजह से मजबूरन घर छोड़ना पड़ा था और उसी दिन भटकते हुए बनारस जा पहुंची थी. उसके बाद बनारस से विध्यांचल और वहां से जीरो रोड बस स्टॉप पहुंच गयी. वहाँ किसी की मदद से 3 अगस्त 2020 को आधारशिला वृद्धाश्रम पहुंची. इन सब के मध्य उनकी याददाश्त कमजोर हो गई.
परिवार वालों ने निर्मला की गुमशुदा की पुलिस में रिपोर्ट भी लिखवाई पर वहाँ से भी कुछ पता न चला. निर्मला के पति बीएन सिंह केंद्रीय विद्यालय मनौरी में चार वर्ष शिक्षक थे. उसके बाद दानापुर में ट्रांसफर करा के वहीं से 2009 में प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत्त हुए. उनकी तीन बेटियां हैं.
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