कोविड-19 महामारी के शिकार लोगों का सम्मानजनक दाहसंस्कार - मौलिक अधिकार का हिस्सा ? | #NayaSaberaNetwork

कोविड-19 महामारी के शिकार लोगों का सम्मानजनक दाहसंस्कार - मौलिक अधिकार का हिस्सा ? | #NayaSaberaNetwork


नया सबेरा नेटवर्क
अंतिम संस्कार के लिए उचित बंदोबस्त का ना होना, अमानवीय बर्ताव की पराकाष्ठा के तुल्य - एड किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक रूप से आज कोरोना महामारी ने जो हालात पैदा किए हैं वैसे हालात आज से सव वर्ष पूर्व पैदा हुए थे। याने सूत्रों की मानें तो हर सव वर्ष में किसी न किसी रूप में महामारी आती है।... बात अगर हम भारत की करें तो शुक्रवार दिनांक 30 अप्रैल 2021 को प्रधानमंत्री महोदय ने अपने संपूर्ण मंत्रिमंडल की बैठक कोरोना पर मंथन के लिए बुलाई और वहां भी कहा कि 100 वर्ष पूर्व ऐसी महामारी देखी थी और सांसदों को अपने कार्य क्षेत्र में समस्याओं का समाधान करने और केंद्र राज्य कोरोना महामारी कोहराएगा ऐसी सांत्वना दी। उधर केंद्रीय गृह मंत्री ने भी कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन आयात करने की इजाजत दी है और बंद पड़े मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट और नए प्लांट शुरू कर दिए गए हैं। लोग सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा पोस्ट कर रहे हैं इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी दिनांक 30 अप्रैल 2021 को सुनवाई के दौरान कहा कि सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा बताने वालों पर पोलिस कार्यवाही नहीं की जा सकती ऐसी जानकारी टीवी चैनल द्वारा दी गई है।... बात अगर हम कोरोना महामारी से पीड़ित मरीज की मृत्यु की करें तो ऐसी मृत्यु का आंकड़ा वर्तमान कुछ दिनों से काफी बढ़ा है और सामान्य मृत्यु सहित कोविड मृत्यु के शव दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट और कब्रिस्तान में बहुत अधिक संख्या में आ रहे हैं। परंतु उन शवों का दाहसंस्कार सम्मानजनक रूप में होना उनका मौलिक अधिकार है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी आज से 26 वर्ष पूर्व 1995 में पंडित परमानंद कटारा द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सहमति जताई थी कि, गरिमा और न्यायपूर्ण उपचार का अधिकार केवल एक जीवित व्यक्ति काही नहीं बल्कि उसकी मृत्यु के बाद उसके शरीर को भी मिलता है। शव की सभ्य अंत्येष्टि या दाहसंस्कार धार्मिकमान्यताओं का सम्मान और एहसास बनाए रखता है। व्यक्ति के मृत शरीर के शवदाह या अंत्येष्टि को मौलिक अधिकारों का हिस्सा समझा जा सकता है। ऐसी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से दी गई है। 2002 में भी एक मामले में एक व्यक्ति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र को एक याचिका मानते हुए बेघर लोगों की मृत्यु के बाद उनके शव को सम्मानित तरीके से अंत्येष्टि करने को लेकर दो जजों की खंडपीठ ने कहा था यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके धर्म के अनुसार सम्मान जनक तरीके से उसका अंतिम संस्कार किया जाए। मद्रास हाईकोर्ट ने भी जयललिता की मृत्यु के बाद उसके शरीर को समाधि से निकाल कर डीएनए टेस्ट करने के सवाल पर कहा था निजता का अधिकार मृतक का भी होता है और पुराण उद्धृत करते हुए कहा था मृतक की आत्मा को परेशान न किया जाए।....बात अगर हम वर्तमान समय में कोविड-19 से मृत्यु हुए व्यक्तियों के दाहसंस्कार की करें तो 27 अप्रैल 2021 को महाराष्ट्र के बीड़ में एक ही एंबुलेंस में कोविड-19 में मृत्यु हुए 22 मृतकों के शव एक ही एंबुलेंस में भरकर श्मशान घाट ले जाने का मामला सामने आया था जिला प्रशासन ने एंबुलेंस की कमी को कारण बताया था। यह एक ही घटना नहीं और भी अनेक ऐसी घटनाएं अनेक प्रदेशों में टीवी चैनल पर दिखाई जा रही है कि एंबुलेंस में चार-आठ शव एक साथ श्मशान घाट में लाकर अंत्येष्टि की जा रही है। उधार दिनांक 30 अप्रैल 2021को कोविड-19 मृतक लाशों को लूटने की एक शर्मनाक घटना महाराष्ट्र के धुले से सामने आई, जहां एक कोविड अस्पताल में एक कोविड पेशेंट की मृत्यु होने पर उसे पॉलिथीन में सिलाई कर मुर्दाघर में रखा गया था। वहां जाकर वार्ड बॉय सहित चार लोगों ने मुर्दे की सिलाई खोलकर 35 हज़ार रुपए निकाले यह सारा मामला सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था बात तब खुली जब घरवालों ने हॉस्पिटल में बताया पेशेंट के पास 1 लाख़ रुपया था और रात में बात हुई थी तो बोला 65 हज़ार खर्च हुए हैं 35 हज़ार रुपए बाकी मेरे पास है और सुबह उसकी मृत्यु हुई। फिर सीसीटीवी कैमरे से पूरी पोल खुली यह वाक्या जांच अधिकारी से बात करते एक प्रिंट मीडिया चैनल द्वारा दिखाया गया...बात अगर हम शमशान घाटों की करें तो वहां भी व्यवस्था चरमरा गई है और शवों का दाह संस्कार एक तरह से सम्मानजनक स्थिति में नहीं किया जा रहा है एक टीवी रिपोर्ट के अनुसार सरकार जो आंकड़े पेश करती है और शमशान घाट से जो मृतक के आंकड़े आ रहे हैं काफी डिफरेंस है। शमशान घाट के जिम्मेदार अधिकारियों के अनुसार घर में कोविड से मृत व्यक्तियों को भी यहां लाया जा रहा है जो कि कोविड प्रोटोकॉल से ही उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उदयपुर के अंतिम संस्कार का जो वीडियो सामने आया है वह मानवता को शर्मसार करने के लिए काफी है। बहुत बड़े अधिकारी ने स्टिंग ऑपरेशन कर पाया कि दाहसंस्कार के लिए 21से 35 हज़ार तक दलाली के लिए लिए जा रहे हैं और वहां नगरनिगम का कोई कर्मचारी नहीं है और रंगदारी वसूलने के लिए लोग हैं। ऐसे सैकड़ों मामले टीवी चैनलों पर के माध्यम से दिखाए जा रहे हैं। यहां मृतकों का दाह संस्कार सम्मानजनक रूप से नहीं किया जा रहा है अनेक केशव में उनके परिवार वाले भी सामने नहीं आ रहे हैं और सेवाभावी व्यक्ति और सामाजिक संस्थाएं सामने आकर शव का दाह संस्कार कर रहे हैं। शव के साथ इस तरह का बर्ताव मानवता को शर्मसार ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और कानूनों के प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन है। जिस पर भारत के हर राज्य में जिला स्तर पर जिला आपत्ती व्यवस्थापन प्राधिकरण को विशेष ध्यान रखना जरूरी है अतःअगर हम उपरोक्त सभी बातों का अध्ययन करें तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रत्येक नागरिक को जीवन जीने का मौलिक अधिकार प्राप्त है, समय-समय पर न्यायपालिकाएं उन्हें अपने फैसलों में गरिमा में जीवन की व्याख्या और इसका दायरा बढ़ाया है और गरिमामय जीवन के साथ-साथ गरिमामय अंत्येष्टि का भी अधिकार माना गया है कि उसे उसकी गरिमामय जीवन के साथ मृत्यु पर भी होगी इसलिए कोविड-19 के शिकार लोगों का दाहसंस्कार सम्मानजनक रूप से होने का प्रोटोकॉल फ़र्ज़ और कर्तव्य संबंधित प्रशासन को निभाना चाहिए। 
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

*Ad : स्नेहा सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल (यश हास्पिटल एण्ड ट्रामा सेन्टर) | डा. अवनीश कुमार सिंह M.B.B.S., (MLNMC, Prayagraj) M.S. (Ortho) GSVM, M.C, Kanpur, FUR (AIMS New Delhi), Ex-SR SGPGI, Lucknow, हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ | इमरजेंसी सुविधाएं 24 घण्टे | मुक्तेश्वर प्रसाद बालिका इण्टर कालेज के सामने, टी.डी. कालेज रोड, हुसेनाबाद-जौनपुर*
Ad

*Admission Open : Anju Gill Academy Senior Secondary International School Jaunpur | Katghara, Sadar, Jaunpur | Contact : 7705012955, 7705012959*
Ad

*Ad : ADMISSION OPEN : PRASAD INTERNATIONAL SCHOOL JAUNPUR [Senior Secondary] [An Ideal school with International Standard Spread in 10 Acres Land] the Session 2021-22 for LKG to Class IX Courses offered in XI (Maths, Science & Commerce) School Timing-8.30 am. to 3.00 pm. For XI, XII :8.30 am. to 2.00 pm. [No Admission Fees for session 2021-22] PunchHatia, Sadar, Jaunpur, Uttar Pradesh www.pisjaunpur.com, international_prasad@rediffmail.com Mob : 9721457562, 6386316375, 7705803386 Ad*
AD




from NayaSabera.com

Post a Comment

0 Comments