नया सबेरा नेटवर्क
जय प्रकाश तिवारी
मुंगराबादशाहपुर, जौनपुर। कोविड काल में भी लोग इस बात को लेकर सशंकित हैं। कि त्योहारों के दौरान किस प्रकार से आयोजनों व समारोह के कार्यक्रम में भागीदारी कैसे की जाए? जिससे संक्रमण से बच सकें। लगभग 1 वर्ष बाद आज भी कोविड- के मामले महानगरों में तेजी से पुन: पांव पसार रहे हैं। जिससे लोगों में निरंतर संक्रमित होने का डर बना रहता है। ऐसे में आगामी 29 मार्च होली के त्यौहार को मद्देनजर रखते हुए जनपद प्रयागराज उतराव हड़िया के वरिष्ठ प्रवक्ता व चिकित्सक डॉ. के एन यादव ने कोविड-19 काल में होली का त्यौहार मनाने को लेकर कहा कि होली का त्योहार करीब है। इन दिनों बाजार रासायनिक रंगों से भरा पड़ा है। सस्ते रंगों की बिक्री अधिक हो रही है लेकिन सावधान हो जाएं। यह रासायनिक रंग आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। त्वचा के लिए यह रंग बेहद घातक हो सकते हैं। कई प्रकार की एलर्जी हो सकती है। जिससे रंग में भंग पड़ सकता है।
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाएं होली-
होली के इस महापर्व पर लोगों से अपील करते हुए डॉ. के एन यादव ने कहा कि कोशिश करें कि झुंड व हुड़ढंग से बचें। जो आपको जो आपको कोरोनावायरस से बचने में मददगार बनेगा। एकल रूप से अबीर गुलाल से मिलकर लोगों का स्वागत कर सकते हैं।
इन रंगों का प्रयोग करें---
होली के त्यौहार पर हर्बल रंगों व प्राकृतिक रंगो का प्रयोग करना अधिक अच्छा रहता है। हर्बल रंग शरीर को किसी का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। यह रंग कुछ महंगे अवश्य हैं। लेकिन इनका कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।
यूं नुकसान पहुंचाते हैं कृत्रिम रासायनिक रंग-
कृत्रिम रसायनिक ( synthetic) रंगो आदि का प्रयोग करना हानिकारक हो सकता है। जिसमें केमिकल युक्त रंग शरीर में लगने से त्वचा शुष्क हो देता है। जिससे त्वचा चटखने लगती है। और एलर्जी हो जाती है। चेहरे व शरीर पर लाल दाने पड़ जाते हैं। आंखों में रासायनिक रंग चला जाए तो रोशनी जाने का खतरा रहता है। मुंह में रंग लगने से छाले पड़ जाते हैं।
नशीले पेय पदार्थ का ना करें प्रयोग-
नशीले पेय पदार्थों भांग का शरबत, शराब व गांजा आदि का सेवन उत्साहित युवाओं द्वारा सेवन करते हुए अक्सर देखा जाता है । इस दौरान (Intoxication) का खतरा बना रहता है खानपान में सावधानी से उदर विकार व डायरिया डिहाइड्रेशन की संभावना भी बन जाती है।
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