नया सबेरा नेटवर्क
नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर 55 दिनों से जारी है। इसी बीच आज उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित की गई कमिति की भी बैठक है। जिसमें किसान संगठनों ने जाने से इनकार कर दिया है। भारतीय किसान संगठन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार और किसान दोनों का भी मानना है कि बातचीत से ही समाधान निकलेगा।
बता दें कि सरकार और किसानों के बीच नौ दौर की वार्ता हो चुकी है और अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। किसान संघ अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। किसानों की मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस लें और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बयाना जाए।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में राकेश टिकैत ने बताया कि सरकार और किसान दोनों का ही मानना है कि बातचीत से ही समाधान निकलेगा। लेकिन समाधान कब निकलेगा ये नहीं पता। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित की गई कमेटी की आज होने वाली बैठक में हम नहीं जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि किसानों की समस्याओं पर चर्चा के लिए उच्चतम न्यायालय ने चार सदस्यीय कमेटी बनाई थी। जिसके एक सदस्य भारतीय किसान यूनियन (मान) के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया था।
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