- कांग्रेस के राकेश मिश्रा व जेपी दुबे के भाग्य का होगा फैसला
सै. हसनैन कमर दीपू
जौनपुर।
367 मल्हनी विधानसभा के चुनाव परिणाम का फैसला मंगलवार को सुना दिया जाएगा किसके सिर मल्हनी का ताज सजेगा इस कयास पर पूर्णत: विराम लग जाएगा। चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह से निर्दल प्रत्याशी पूर्व सांसद धनंजय सिंह सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को चुनौती देते हुए नजर आये तो वहीं कांग्रेस व बसपा अपनी साख बचाने के लिए दो-दो हाथ करने में कहीं पीछे छूटती हुई नजर आयी। हालांकि सपा की साइकिल पर सवार लकी यादव ने लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है।
गौरतलब हो कि 2012 में नये परिसीमन में वजूद में आयी मल्हनी विधानसभा पर लकी यादव के पिता स्व. पारसनाथ यादव का लगातार दूसरी बार कब्जा रहा। उनके निधन के बाद रिक्त हुई इस सीट पर तीन नवम्बर को मतदान हुआ था जिसमें 58 प्रतिशत वोट पड़े थे। रुझानों की अगर बात की जाय तो निर्दल प्रत्याशी धनंजय सिंह समाजवादी पार्टी के लकी यादव को सीधे टक्कर देते हुए नजर आये तो वहीं भाजपा के मनोज सिंह भी अपनी नैय्या पार कराने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ा। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो बार मल्हनी के मतदाताओं से रुबरु होते हुए अपना एजेंडा साफ कर दिया था तो वहीं संगठन मंत्री सुनील बंसल व दो उपमुख्यमंत्री सहित दो दर्जन से ज्यादा मंत्रियों का जमावड़ा बीते एक महीने तक मल्हनी विधानसभा में लगा रहा, इससे यह बात साबित हो जाती है कि इस सीट पर ना सिर्फ प्रदेश बल्कि देश की निगाहें टिकी हुई थी। खासकर भाजपा के लिए यह प्रतिष्ठा की सीट बनी हुई थी। फैसला जनता ने सुना दिया है और मतगणना के बाद जिसके सर ताज सजेगा वो 2022 के विधानसभा चुनाव में मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि इस सीट पर 2002 से धनंजय सिंह व सपा के बीच ही चुनावी वर्चस्व की जंग नजर आयी है, ऐसे में ये जंग आगे भी जारी रहेगी फिलहाल लोगों का यह मानना है कि इस सीट पर जिस तरह से धनंजय सिंह ने निर्दल प्रत्याशी के रुप में लगातार 18 वर्षों से मतदाताओं के एक बड़े वर्ग को साथ लेकर अपनी राजनीतिक ताकत अन्य दलों को दिखायी है उससे यह बात साबित होती है कि 2022 में भी उनका दबदबा इस सीट पर दिखाई देगा जो अन्य पार्टियों की दिशा व दशा पूर्वांचल में तय कर सकता है।
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