बिपिन कुमार सैनी
जौनपुर। पूर्वांचल की आस्था का केंद्र शीतला चौकिया धाम में चल रहे श्री राम कथा के प्रथम दिन वाराणसी से पधारे कथावाचक डॉ. मदन मोहन मिश्र ने कथा प्रवचन दौरान बताया कि मानव जीवन के लिए कल्याण कल्याणकारी हैं गीता, भागवत, रामायण यह सभी ग्रंथ हमारे जीवन में सीख व प्रेरणा देते हैं। आज के इस कोरोना काल में विश्व स्वास्थ संगठन who द्वारा इस महामारी से बचने के लिए गाइडलाइन जारी की है। किसी से हाथ न मिलाना, साफ सफाई का पालन करना, हाथ धुलते रहने को बता रहे हैं। हमारे सनातन ग्रंथों में योगा, प्राणायाम करना, नित्य कर्म करने उल्लेख धर्म ग्रंथों में किया गया है। भोजन प्रसाद करने से पहले हाथ धोना, साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना। जमीन पर बैठकर शान्ति से भोजन करना। यह सब बातें हमारे सनातन धर्म में बहुत पहले से ही चली आई है। सनातन संस्कृति प्रणाम करना सिखाती है ना कि हाथ मिलाना, यह हमारे धर्म में नहीं है। सनातन धर्म ही मानव जीवन को जीने की कला सिखाती है। मनुष्य को प्रतिदिन प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठना नित्य क्रिया करना, सूर्योदय से पहले स्नान करना, सूर्योपासना करना, सुबह-शाम संध्या वंदना, पूजा पाठ परायण करने से ही मनुष्य के जीवन में आयु बलबुद्धि, विद्या, सुख, समृद्धि व स्वास्थ्य सनातन प्रेमियों के जीवन में बना रहता है। जनपद से पधारे कथा वाचक डॉ. अखिलेश चंद्र पाठक ने कहा कि भगवान विष्णु महालक्ष्मी से कहते हैं कि हे देवी हो सकता है मैं बैकुंठ में ना मिलूं, किसी मन्दिर में ना रहूं, आकाश पाताल में ना मिलूं तो समझ लेना मेरा कोई भक्त मुझे अपनी भक्ति में बांध लिया है जो भक्त मेरा नाम जप करते हैं भजन कीर्तन करते हैं मुझे पुकारते है उस भक्त के मैं अधीन हो जाता हूं। ऐसे ही साधु-संतों व भक्तों के हृदय में रहता हूं। ऐसे ही भक्तों के हृदय में मेरा स्थान हो जाता है। उस भक्त की भक्ति ही मुझे बांध देती है। ऐसे ही भक्तों के हृदय में मेरा निवास हो जाता है।
इस मौके पर सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी, हनुमान त्रिपाठी, मुकेश श्रीवास्तव, शिवआसरे गिरी, मदन गुप्ता, दीपक राय, सुरेंद्र गिरी, धीश माली समेत अनेक कथा प्रेमी जन लोग मौजूद रहे।
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