दिल के इस बगिया में, तेरे लौट आने का इंतजार है | #NayaSaberaNetwork

इंतजार 

दिल के इस बगिया में, 
तेरे लौट आने का इंतजार है।  
आओ मिलकर अब मिटा दे, 
बीच पड़ी है जो दीवार।।  

दिल मचलता है अब भी मेरा, 
मोहब्बत तुझको करने को।  
प्रियवर ! भूल उस हादसे को, 
दो समय अब मिलने को।।  

दिल कल भी बेकरार था,  
दिल आज भी बेकरार है। 
लौट आओ प्रिये !, 
दिल को तेरा बहुत इंतजार है।।

खुले आसमां के चांदनी रातों में,
मिलें हम प्यार के राहों में।। 
गरज उठे अम्बर,चमक उठे दामिनी, 
और लिपट पड़े हम बाहों में।।  

होठों पे हो होठों का कम्पन , 
जिस्म दो हम एक जान हो। 
फ़िक्र ना कर जालिम दुनिया का,
बस हम दोनो में प्यार हो।। 


थोड़ा प्रेम दो मुझको प्रिये !,
मिटा दो ये नफ़रत की दीवार।
बहुत हुआ अब न रहा जाता,
मिलके मिटाओ ये इंतजार।। 

(मौलिक एवं स्वरचित रचना)

 

अंकुर सिंह 
चंदवक, जौनपुर, 
उत्तर प्रदेश-222129


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