- कई प्रत्याशी कई बार से चुनाव मैदान में, दूसरे को मौका ही नहीं
- कार्यरत शिक्षक इस बार परिवर्तन करने का बना चुके हैं मन
हिम्मत बहादुर सिंह
जौनपुर।
इस बार एमएलसी का चुनाव राजनीतिक दल बनाम कार्यरत शिक्षक हो गया है। राजनीतिक दलों की निगाहें प्रदेश की सभी 11 सीटों पर लगी हुई है क्योंकि विधानसभा के साथ-साथ विधान परिषद में मजबूत होना चाहती है। यहीं कारण है कि कई ऐसे प्रत्याशी चुनाव मैदान में है जो कई बार से चुनाव लड़ रहे है और दूसरे को मौका देना ही नहीं चाहते है लेकिन इस बार कार्यरत नौजवान शिक्षकों ने मन बना लिया है कि विधान परिषद में शिक्षकों की रहनुमानी करने वाला प्रतिनिधि किसी राजनीतिक दल से तालुकात रखने वाला नहीं होगा। शिक्षक हितों की सदन में प्रमुखता से बात रखने वाला कार्यरत और जुझारु शिक्षक होगा।
बताते चलें कि शिक्षकों को यह अच्छी तरह से मालूम है कि अगर राजनीतिक दल से तालुक रखने वाला रिटायर शिक्षक रहनुमाई करेगा तो वह शिक्षकों की हितों की बात नहीं करेगा। कार्यरत शिक्षक को सदन में भेजने का शिक्षकों का एक पहलू यह भी है कि जितनी समस्या गंभीरता से सदन में पहुंचने वाला कार्यरत शिक्षक करेगा उतनी गंभीरता से राजनीतिक दल से तालुकात रखने वाला प्रतिनिधि नहीं करेगा क्योंकि जब मौजूदा पद से दूर हो जाता है तो उसको शिक्षकों की उतनी अधिक चिंता नहीं सताती है और अपने सत्ता सुख के लिए सरकार के राग में राग अलापने को मजबूर हो जाता है। ऐसे में वाराणसी खण्ड निर्वाचन क्षेत्र के आठ जिलों के मतदाता इस बार परिवर्तन करने को ठान लिए हैं और किसी कार्यरत शिक्षक को अपना रहनुमा बना कर सदन में भेजना चाहते हैं।
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